धमतरी// देश में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर, धमतरी जिला प्रशासन ने आज मीसाबंदियों और उनके परिवारों के सम्मान में एक समारोह का आयोजन किया। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हुए इस कार्यक्रम में महापौर श्री रामू रोहरा ने आपातकाल के दौरान 'मीसा' (आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम) के तहत जेल जाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और लोकतंत्र रक्षकों को स्मृति चिन्ह और पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया
लोकतंत्र के रक्षकों का संघर्ष प्रेरणादायक: महापौर
इस अवसर पर बोलते हुए, महापौर श्री रामू रोहरा ने मीसाबंदियों के संघर्ष की सराहना की। उन्होंने कहा, "मीसाबंदियों ने आपातकाल के कठिन समय में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए जो संघर्ष किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक महान प्रेरणा है।" श्री रोहरा ने मीसाबंदियों से आपातकाल के दौरान की घटनाओं के बारे में भी जानकारी ली
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय सरकार ने मीसाबंदियों को उनका सम्मान वापस दिलाया है, जिसका लाभ उन्हें मिल रहा है। महापौर ने कहा, "आप सदैव सम्मान के पात्र रहेंगे। आपातकाल के दौरान मीसाबंदियों ने जो परेशानियां झेलीं, उसी के कारण आज हम स्वतंत्र हैं।" उन्होंने इस त्याग के लिए मीसाबंदियों का धन्यवाद भी ज्ञापित किया। मीसाबंदियों ने साझा किए अनुभव
कार्यक्रम में अपर कलेक्टर श्रीमती रीता यादव सहित जिले के मीसाबंदी और उनके परिजन उपस्थित थे इस सम्मान समारोह के दौरान 1975 के आपातकाल की घटनाओं पर आधारित और अमृत महोत्सव से संबंधित एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया
महापौर श्री रामू रोहरा ने जिन मीसाबंदियों और उनके परिजनों का सम्मान किया उनमें श्री शिरोमणी राव घोरपड़े, श्रीमती मालती बाई, श्री लखनलाल पथिक, श्रीमती विद्यावती मिश्रा, श्रीमती रेणुका मिश्रा, श्रीमती राधाबाई ध्रुव, श्रीमती झूलबाई सोनी, और श्रीमती राधा चन्द्राकर प्रमुख थे। जिले के मीसाबंदी श्री शिरोमणी राव घोरपड़े ने आपातकाल के दौरान लगभग ढाई साल जेल में बिताई अपनी यातनाओं और परेशानियों को साझा किया, जिससे उपस्थित लोग भावुक हो उठे
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