धमतरी में अजय चंद्राकर का जन्मदिन बना सेवा पर्व: विजय मोटवानी की अनूठी पहल से रौशन हुए जरूरतमंदों के चेहरे

धमतरी: पूर्व कैबिनेट मंत्री और कुरूद विधायक अजय चंद्राकर के जन्मदिन को इस साल भी एक खास मुकाम मिला, जब नगर निगम के वरिष्ठ जनप्रतिनिधि व युवा मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष विजय मोटवानी ने इसे सामाजिक सरोकार के कार्यों से जोड़कर एक सेवा पर्व का रूप दे दिया। कई वर्षों से इस परंपरा को निभाते आ रहे मोटवानी ने इस बार भी जरूरतमंद और प्रतिभावान छात्र-छात्राओं के साथ-साथ दिव्यांगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी 
शिक्षा और सशक्तिकरण पर विशेष जो
मोटवानी की इस पहल का मुख्य केंद्र शिक्षा और सशक्तिकरण रहा। आर्थिक विपन्नता के कारण अपनी पढ़ाई पूरी करने में संघर्ष कर रहे 30 प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को कंप्यूटर प्रदान किए गए इसके अलावा, 130 बच्चों की ट्यूशन फीस की व्यवस्था की गई, ताकि उनकी प्रतिभा को सही दिशा मिल सके शैक्षणिक सामग्री के अभाव से जूझ रहे 200 बच्चों को स्कूल बैग, कॉपी-किताब और अन्य आवश्यक सामग्रियां वितरित की गईं. यह कदम उन बच्चों के लिए संजीवनी साबित हुआ, जो आधुनिक दौर में साधनों की कमी महसूस कर रहे थे। 
दिव्यांगों को मिली संबल की सौगात 
कार्यक्रम में समाज की मुख्यधारा से कटे हुए महसूस करने वाले दिव्यांगों का भी विशेष ध्यान रखा गया विजय मोटवानी ने दिव्यांगजनों को ट्राईसाइकिलें प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम बढ़ाने का अवसर दिया। ट्राईसाइकिल पाकर उनके चेहरे पर जो खुशी और आत्मविश्वास दिखाई दिया, वह बेहद प्रेरक था 
प्रेरणादायक पहल की सर्वत्र सराहना
इस अनूठी पहल की समाज के हर वर्ग द्वारा सराहना की जा रही है जानकार कहते हैं कि ऐसे कार्य समाज में अमीर-गरीब और छोटे-बड़े के बीच की खाई को पाटने में सहायक होते हैं. यह उन लोगों के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण है जो व्यर्थ के आयोजनों पर लाखों रुपये खर्च करते हैं. विजय मोटवानी ने अनौपचारिक चर्चा में कहा कि "ऐसे कार्यों से दिल को सुकून और आत्मा को आत्मिक शांति प्राप्त होती है 
इसमें हमारे मार्गदर्शक अजय चंद्राकर जी का निरंतर मार्गदर्शन और प्रेरणा मिलती रहती है हमारा सेवा भावी कार्यों का यह सिलसिला सतत रूप से जारी रहेगा शहर के हृदय स्थल स्थित गार्डन परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम ने सेवाभावी कार्यों से गुलजार होकर सामाजिक धरातल पर एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है यह अजय चंद्राकर के जन्मदिन को सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि सेवा और समर्पण के एक प्रतीक के रूप में हमेशा यादगार रखेगा

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