पशुओं का उपचार, टीकाकरण और कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा
इस शिविर में पशुओं के स्वास्थ्य से जुड़ी कई महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान की गईं। आंकड़ों के अनुसार:
कुल 112 पशुओं का उपचार किया गया।
286 पशुओं को दवाएं वितरित की गईं।
292 पशुओं को कृमिनाशक दवा पिलाई गई।
275 पशुओं पर जूँ-किलनी के लिए दवा का छिड़काव किया गया।
1 कृत्रिम गर्भाधान किया गया।
12 पशुओं का बधियाकरण किया गया।
इसके अतिरिक्त, विभाग द्वारा घर-घर जाकर 590 पशुओं को एकटंगिया और गलघोटू जैसी बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण भी किया गया। इस शिविर से रांकाडीह गाँव के कुल 182 किसानों को सीधा लाभ मिला।
शिविर को सफल बनाने में ग्रामीणों और विभागीय टीम का योगदान
इस शिविर को सफल बनाने में पशुधन विकास विभाग की टीम और स्थानीय ग्रामीणों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। विभाग की ओर से डॉ. अंकिता ठाकुर, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी खिलेश्वर साहू, डेमन साहू, कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता महेश निषाद, अंशवन निषाद, रोशन साहू, झलेन्द्र साहू, अश्वंत, चरवाहा कुमार, अश्वनी, लीलाराम और कुणाल साहू उपस्थित थे। गाँव के कोटवार हरिराम गायकवाड़ सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भी इस आयोजन में सक्रिय भागीदारी निभाई।
यह शिविर पशुओं के स्वास्थ्य सुरक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक सराहनीय पहल साबित हुआ।
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