अस्पताल में मुलाकात के दौरान पीड़ितों के परिजनों ने बताया कि:
• हादसे के बाद मिल प्रबंधन ने न तो सहायता की, न हालचाल पूछा।
• इलाज और मदद की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया गया।
• सरकारी तंत्र पूरी तरह से मौन है, कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि अब तक पीड़ित परिवार से मिलने तक नहीं आया।
राजा देवांगन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा —
“यह सिर्फ एक औद्योगिक दुर्घटना नहीं, मजदूर विरोधी व्यवस्था की पोल है। शासन और प्रशासन पूंजीपतियों के सामने नतमस्तक है और मजदूरों की ज़िंदगी की कोई कीमत नहीं रही।”
उन्होंने मांग की कि:
• पीड़ित मजदूरों को तत्काल समुचित मुआवज़ा और मुफ्त इलाज की गारंटी दी जाए।
• मिल मालिक पर गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज हो।
• राइस मिल को तत्काल सील कर जांच शुरू की जाए।
NSUI ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जल्द ही न्याय की पहल नहीं हुई, तो बड़ा आंदोलन होगा।
“अब चुप नहीं रहेंगे — न्याय की लड़ाई हर मोर्चे पर लड़ी जाएगी।”
विज्ञापन-
0 Comments