पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं दो दिन रहीं बाधहोंग
छत्तीसगढ़ प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन आज सातवें दिन भी जारी रहा। जिसमे धमतरी जिला के 500 राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी कर्मचारी शामिल हुए इन कर्मचारियों की प्रमुख मांगें — नियमितीकरण, जॉब सुरक्षा, ग्रेड पे, अनुकंपा नियुक्ति, मेडिकल बीमा, लंबित 27% वेतन वृद्धि — आज तक लंबित हैं।
चरणबद्ध आंदोलन :
आज प्रदेशभर से आए NHM कर्मचारियों ने राजधानी रायपुर में विधानसभा घेराव किया। इस दौरान पुलिस के साथ झूमाझटकी की स्थिति भी बनी। अंततः स्वास्थ्य विभाग की ओर से वार्ता के लिए डिप्टी डायरेक्टर को भेजा गया और ज्ञापन सौंपा गया
प्रदर्शन का सिलसिला — चरणबद्ध आंदोलन :
10 जुलाई : प्रदेश के सभी विधायकों को ज्ञापन सौंपा गया।
11 जुलाई : भाजपा जिलाध्यक्षों को ज्ञापन दिया गया।
12 से 15 जुलाई : सभी कर्मचारी काली पट्टी बांधकर कार्यस्थलों में ड्यूटी पर डटे रहे।
16 जुलाई : सभी 33 जिलों में ताली-थाली रैली एवं धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
17 जुलाई : रायपुर में विधानसभा घेराव एवं प्रदर्शन।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने कहा कि यदि 15 अगस्त तक सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं लेती तो प्रदेशभर के NHM कर्मचारी स्वास्थ्य सेवाओं को ठप करने पर विवश होंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
NHM कर्मचारियों की व्यथा :
कर्मचारियों ने बताया कि 20 वर्षों से वे समान काम के बदले समान वेतन, नियमितीकरण जैसी मूलभूत माँगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कोरोना काल में ताली-थाली बजवाने वाली सरकार आज उन्हीं कोरोना योद्धाओं की उपेक्षा कर रही है। कर्मचारियों ने व्यथा जाहिर की कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार होते हुए भी उन्हें मजबूरी में आज ताली-थाली बजाकर अपना विरोध दर्ज कराना पड़ रहा है।
प्रदेश प्रवक्ता पूरन दास ने कहाँ 100 से अधिक बार ज्ञापन, मंत्रियों, विधायकों, सांसदों, अधिकारियों को सौंपने के बावजूद सरकार चुप्पी साधे हुए है।
संघ का स्पष्ट अल्टीमेटम :-
> यदि 15 अगस्त 2025 तक मांगें पूरी नहीं होती तो प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ठप कर दी जाएगी अनिश्चित कालीन आंदोलन करने विवश होंगे
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