शासन की उदासीनता से टूटा धैर्य – आंदोलन की सिफारिश जिलों से शुरू
संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी ने बताया कि सभी जिलों से कर्मचारी आंदोलन में भाग लेने के लिए तैयार हैं और जिलाध्यक्षों द्वारा अनिश्चितकालीन आंदोलन की अनुशंसा की गई है।
वहीं संघ के प्रवक्ता श्री पूरन दास एवं धमतरी जिला संयोजक डॉ ओमप्रकाश मत्स्यपाल ने कहा,
> “NHM संविदा कर्मियों का सब्र अब जवाब दे चुका है। शासन-प्रशासन की निष्क्रियता और वादाखिलाफी, सुशासन के दावों की असलियत उजागर कर रही है।”
बीते दो दशकों से अत्यंत विषम परिस्थितियों में कार्यरत ये कर्मी बिना ग्रेड पे, बिना मेडिकल अवकाश, और अल्प वेतन में भी निरंतर जनस्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बने हुए हैं।
जनस्वास्थ्य को खतरा – जिम्मेदारी सरकार की होगी
NHM कर्मियों की बदौलत ही छत्तीसगढ़ को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। लेकिन इन्हीं कर्मियों की उपेक्षा सरकार के दोहरे मापदंड को उजागर करती है।
मानसून के इस दौर में डायरिया, डेंगू, मलेरिया, उल्टी, सर्पदंश जैसी बीमारियों का प्रकोप आम है। ऐसे समय पर यदि हजारों कर्मी आंदोलन के लिए बाध्य होते हैं, तो इसका असर सीधे जनजीवन पर पड़ेगा। इस स्थिति की पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
अब भी अवसर है – सरकार करे संवेदनशील निर्णय
NHM संघ राज्य सरकार से पुनः आग्रह करता है कि संविदा कर्मियों की न्यायोचित, गैर-राजनीतिक और जनहितकारी मांगों पर तुरंत संज्ञान लेकर समाधान किया जाए, ताकि न सिर्फ कर्मचारियों का मनोबल बना रहे, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था भी सुचारु बनी रह सके।
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प्रेषक:
छत्तीसगढ़ प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ-सूरजपुर
(हमेशा आगे कर्मचारियों के अधिकारों के लिए...)
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