धमतरी। जब हर खंभा सवाल बन जाए, और हर तार मौत की डोर… तो समझ लो शहर में सिर्फ़ करंट नहीं, खतरा दौड़ रहा है! धमतरी की गलियों में खुले बिजली तार अब जिंदगी की गारंटी नहीं, बल्कि मौत का इंतजार बन चुके हैं। रामबाग और इतवारी बाज़ार इलाके में हाल ही में दो दर्दनाक हादसे हुए बिजली करंट की चपेट में आकर दो लोगों की जान चली गई। बरसात की फुहारें जहां राहत लाती हैं, वहीं ये झूलते तार उन्हें जानलेवा बना देते हैं। पानी से भरे खंभों के पास से गुजरना अब किसी जिंदगी के जुए से कम नहीं। हैरानी की बात यह है कि इतने गंभीर हादसों के बावजूद विभाग और नगर निगम की ओर से न तो कोई सुरक्षा अभियान चला, न कोई ज़िम्मेदारी तय हुई। विभाग स्मार्ट मीटर लगाने में तो स्मार्ट है, लेकिन जान बचाने के मामले में डेड कनेक्शन लग रहा है। क्या बिजली विभाग को अब भी एक और मौत की जरूरत है… क्या प्रशासन किसी बड़ी जनाक्रोश का इंतजार कर रहा है? जब हर खंभा सवाल बन जाए, और हर तार मौत की डोर… तो समझ लो शहर में सिर्फ़ करंट नहीं, खतरा दौड़ रहा है! अब भी समय है… खुले तारों को संभालिए, वरना अगली आवाज़ किसी और अंतिम संस्कार से आएगी!