धमतरी। बड़े-बड़े दावे करना अच्छी बात है, लेकिन उन दावों को निभाना ज़रूरी होता है। वरना बारिश नहीं, जनता की नाराज़गी ही सब बहा ले जाती है। धमतरी में महज एक घंटे की बारिश ने नगर निगम के दावों की पोल खोलकर रख दी है। शहर के कई इलाकों में ऐसा जलभराव हुआ कि गलियां नहीं, नालियां बहने लगीं और घरों के अंदर तक पानी घुस गया। धमतरी नगर निगम क्षेत्र के गोकुलपुर, आमापारा, देवश्री टॉकीज रोड, महात्मा गांधी वार्ड समेत कई इलाकों में तेज बारिश के साथ ही पानी भर गया। महात्मा गांधी और आमापारा वार्ड की स्थिति तो मानो शहर में तालाब जैसी हो जाती हैं। गाड़ियां पानी में आधी डूबी रहीं, और राहगीरों को निगम के दावों में चलना पड़ा। आमापारा वार्ड में पार्षद विजय मोटवानी ने इस बारिश सीजन में गर्व से ऐलान किया था अबकी बार जलभराव नहीं होगा। लेकिन धरातल पर सच्चाई बिल्कुल उलटी निकली। एक घंटे की बारिश ने उस गर्व को गलियों में बहा दिया। वार्डवासी नाराज हैं। उनका कहना है कि सालों से यही हाल है। सिर्फ दावे और मीटिंग्स होती हैं, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात। निगम हर बार एक ही रटा-रटाया जवाब देता है काम प्रोसेस में है। सवाल यह है कि कब तक प्रोसेस में रहेगा? कब तक घरों में नालियों का पानी घुसेगा? दावे टूटने के बाद जब पार्षद से जवाब मांगा गया, तो उन्होंने ठीकरा ठेकेदार पर फोड़ दिया। बोले काम सही नहीं हुआ, इसलिए जलभराव हुआ। लेकिन जनता पूछ रही है पार्षद महोदय काम पर निगरानी आपकी थी या ठेकेदार की? हर साल निगम दावा करता है कि नालों की सफाई हो चुकी है, जल निकासी दुरुस्त है। लेकिन हकीकत ये है कि पहली बारिश ही उनकी सारी तैयारियों की असलियत उजागर कर देती है। लोग कह रहे हैं तैयारी कम, फोटोशूट ज्यादा! धमतरी में बारिश आई तो राहत के साथ आफत भी लाई। और जो वादे हवा में गूंज रहे थे, वो पानी में बह गए। जनता अब सवाल पूछ रही है बारिश हर साल आती है, पर समाधान कब आएगा?