धमतरी। नगर निगम धमतरी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें जनता के टैक्स के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है। युवा कांग्रेस जिला महासचिव गीतराम सिन्हा ने आरटीआई दस्तावेजों के माध्यम से इसका खुलासा किया है। नगर निगम की टाटा सूमो गाड़ी CG05 AH 5794 को उपायुक्त प्रवीण सार्वा के उपयोग में था जो जनवरी 2025 में खराबी के कारण गैरेज में मरम्मत के लिए भेजा गया था। हैरानी की बात यह है कि यह गाड़ी पूरे 6 महीने तक वहीं खड़ी रही, लेकिन हर महीने 40 से 50 लीटर डीजल डालने की एंट्री नियमित रूप से होती रही।
अब सोचिए अगर हर महीने में दो से 3 बार 40 लीटर 50 लीटर डीज़ल डाला गया, तो 6 महीनों में कुल 450 से 900 लीटर डीज़ल बिना गाड़ी चले ही खर्च हो गया! यानी कागज़ों में दौड़ती गाड़ी ने सैकड़ों लीटर डीज़ल डकार लिया और किसी की आँख तक नहीं फड़की। सबसे दिलचस्प बात तो यह रही कि निगम की एक पल्सर बाइक (CG05 AL 5794) भी हर महीने में ये भी दो से तीन बार 40 लीटर से 50 लीटर डीज़ल पी रही है। अब सवाल ये है क्या निगम में ऐसी पल्सर बाइक है जो डीज़ल से चलती है? या फिर ये कागजों में ही दौड़ने वाली कमाल की मशीन है? अब बड़ा सवाल ये है कि इस खर्च का हिसाब कौन देगा? जो डीज़ल गाड़ियों ने नहीं, बल्कि किसी की कलम ने पी लिया उसका पैसा क्या अब छोटे कर्मचारियों से वसूला जाएगा? कहीं ऐसा न हो कि बड़ी गड़बड़ी की पर्ची उन्हीं छोटी कर्मचारियों पर कट जाए जो सिर्फ ऑर्डर मानते हैं। इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जो भी अधिकारी या कर्मचारी जिम्मेदार हों उन पर सीधी कार्रवाई होनी चाहिए।
यहां पूरे मामले पर महापौर रामू रोहरा ने कहा कि मामला का जांच कर कार्यवाही की जाएगी। और कहीं घोटाले या भ्रष्टाचार पाया गया तो कार्यवाही होगी चाहे किसी भी स्तर का अधिकारी हो यह महापौर ने स्पष्ट कर दिया है साथ ही उन्होंने कांग्रेस सरकार के पुराने कार्यकाल की गड़बड़ियों पर भी उंगली उठाई और कहा कि पारदर्शिता के साथ पुराने रिकॉर्ड भी खंगाले जाएंगे। तो अब सवाल ये है जब गाड़ी गैरेज में खड़ी थी, तो डीज़ल किसके हिस्से गया? और ये भ्रष्टाचार सिर्फ पर्चियों में ही चलता रहेगा या कोई कड़ी कार्रवाई भी होगी? जनता जानना चाहती है कि पेट्रोल नहीं, पसीना बहाने वालों का हक़ कब तक लुटता रहेगा…
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