धमतरी। राजनीति में विरोध और प्रदर्शन आम हैं, लेकिन जब यह लोकतांत्रिक दायरे से बाहर निकलने लगे, तो विवाद तय है। सोमवार को धमतरी में एनएसयूआई द्वारा किए गए उग्र प्रदर्शन ने न सिर्फ माहौल गरमा दिया, बल्कि अब थाने के भीतर घुसने की घटना ने इसे सियासी तूल दे दिया है। भाजयुमो ने बताया गुंडागर्दी की पराकाष्ठा भाजपा युवा मोर्चा ने इस घटना पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने लोकतंत्र की मर्यादाओं को तार-तार कर दिया। शहर भाजयुमो अध्यक्ष सूरज शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा एनएसयूआई के गुंडों ने थाने में घुसकर अपने संस्कारों का परिचय दिया है। विरोध करना हर नागरिक का अधिकार है, लेकिन पुलिस से झूमाझटकी करना, थाने में जबरन घुसना ये लोकतंत्र नहीं, गुंडागर्दी है। राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के नाम पर जो कुछ किया गया, वह शर्मनाक है। भाजयुमो इसकी कड़ी निंदा करता है और मांग करता है कि थाने में घुसने वाले कार्यकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई हो। भाजयुमो का आरोप है कि जिस तरह से पुलिस को धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा, वह प्रशासनिक तंत्र को डराने-धमकाने की साजिश है, और यह छात्र राजनीति की गिरती साख को दर्शाता है। भाजयुमो के आरोपों पर पलटवार करते हुए एनएसयूआई ने कहा कि उनका प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण था। संगठन का कहना है कि उन्हें थाने तक इसलिए जाना पड़ा क्योंकि पुलिस ने खुद आकर राजीव भवन के भीतर उनके पुतला दहन को जबरन रोकने की कोशिश की। हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर रहे थे, लेकिन पुलिस का रवैया बेहद भड़काऊ था। राजीव भवन हमारे संगठन का स्थान है, वहां पुलिस का अंदर घुसना और प्रदर्शन रोकना कहीं से भी जायज़ नहीं था। इसी के विरोध में हम थाने गए थे, न कि किसी झगड़े के लिए। एनएसयूआई ने भाजयुमो द्वारा लगाए गए गुंडागर्दी के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। अब यह घटनाक्रम शहर की राजनीति में गर्मी बढ़ा चुका है। एक ओर भाजयुमो इसे पुलिस के अपमान और लोकतंत्र पर हमले के तौर पर देख रही है, वहीं एनएसयूआई इसे सत्ता की तानाशाही के खिलाफ युवाओं की आवाज बता रही है। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस पूरे मामले पर क्या रुख अपनाती है क्या कार्रवाई होती है, और सियासत में ये मामला किस दिशा में मोड़ लेता है।
0 Comments