बच्चा अभी डरा-सहमा है, परिवार सदमे में है – लेकिन एक बात स्पष्ट है:

अन्याय के ख़िलाफ़ NSUI डटकर खड़ी है।

FIR दर्ज करने से बचने वाली प्रशासनिक चुप्पी को हम तोड़ेंगे।
हम बच्चे को न्याय दिलाकर ही दम लेंगे।

➡️ ये सिर्फ एक बच्चे की बात नहीं है,
➡️ ये पूरे शिक्षा तंत्र, कानून व्यवस्था और मानवता की परीक्षा है।

📢 माँग है –
• FIR में देरी के लिए ज़िम्मेदार पुलिस कर्मियों पर जांच हो
• आरोपी को सज़ा मिले
• स्कूल की भूमिका की उच्च स्तरीय जांच हो

NSUI पीछे नहीं हटेगी।
हम हर दरवाज़ा खटखटाएँगे —
चुप्पी के ख़िलाफ़ आवाज़ बनेंगे।

न्याय मिलेगा।
न्याय दिलाकर रहेंगे।
बच्चे के साथ अन्याय, FIR से इनकार — ये कैसा न्याय तंत्र?

आज सुबह 9 बजे एक निजी स्कूल में एक मासूम छात्र को बेरहमी से पीटा गया।
पिटाई करने वाला कोई और नहीं बल्कि स्कूल प्राचार्य का बेटा है, जिसने स्कूल में घुसकर बच्चें को गंभीर रूप से मारपीट की।

परिजन सुबह से ही न्याय के लिए थाना पहुँचे लेकिन…
FIR दर्ज नहीं की गई।
पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही।
 परिजनों पर मानसिक दबाव बनाकर ‘कार्यवाही नहीं चाहिए’ जैसा पत्र लिखवाया गया।

अब सवाल ये है:
• क्या FIR दर्ज करवाना आज भी इतना मुश्किल है?
• कौन पुलिसकर्मी FIR रोकने में शामिल थे?
• किसके दबाव में पुलिस झुकी?
• पीड़ित को न्याय कब मिलेगा?

  NSUI धमतरी जिलाध्यक्ष राजा देवांगन जी के नेतृत्व में
NSUI प्रतिनिधिमंडल कल सुबह 9 बजे पीड़ित परिवार से मिलेगा।
हम हर स्तर पर न्याय की लड़ाई लड़ेंगे — प्रशासन को जवाब देना होगा!

NSUI न्याय के साथ खड़ी है।