दुर्गेश साहू। धमतरी जिले के सिहावा थाना क्षेत्र के ग्राम सांकरा बीजपारा से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को चौंका दिया। आमतौर पर अंडे का जिक्र सुनते ही लोग स्वाद या सेहत की बातें करते हैं, लेकिन यहां एक युवक की जिंदगी ही अंडे की जिद पर खत्म हो गई। सोमवार रात को टीकू सेन नामक युवक घर पर अंडा लेकर पहुंचा। उसने पत्नी से कहा कि वह अंडा बना दो। पत्नी ने यह कहकर मना कर दिया कि मंगलवार का व्रत है, और अंडा बनाना उचित नहीं। पति–पत्नी के बीच इस बात को लेकर थोड़ी कहासुनी हुई। कहासुनी इतनी बढ़ी कि टीकू सेन नाराज़ होकर घर से निकल गया। कुछ ही देर बाद गांव वालों ने देखा कि युवक ने आंवला पेड़ में फांसी लगा ली है। देखते ही देखते खुशहाल घर मातम में बदल गया। मामले की सूचना मिलते ही सिहावा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और मर्ग कायम कर जांच शुरू की गई।
यह मामला लोगों के लिए सोचने का विषय बन गया है। आखिर एक अंडे की जिद किसी इंसान की जिंदगी से बड़ी कैसे हो सकती है? गुस्से और आवेश में लिया गया यह निर्णय परिवार और समाज दोनों के लिए एक बड़ा सबक है। आत्महत्या तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह एक समाज के सोचने का मुद्दा भी बन गई है। इसे पढ़कर हर कोई यही कहेगा जिंदगी का मोल एक अंडे से कहीं ज्यादा है।
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