दुर्गेश साहू धमतरी। जनसंपर्क और जनसंवाद की बात करने वाली भाजपा आज अपने ही कार्यकर्ताओं से बात करने से कतरा गई, धमतरी जिला कार्यालय में आज ऐसा नज़ारा देखने को मिला जो राजनीति के पन्नों में एक नया अध्याय जोड़ गया, करीब 300 कार्यकर्ताओं ने न केवल सामूहिक इस्तीफा दिया, बल्कि इस्तीफे की चिट्ठियाँ कार्यालय की दीवार पर चिपकाकर एक नया इतिहास रच दिया, कार्यकर्ताओं ने बताया कि वे घंटों पदाधिकारियों के इंतजार में कार्यालय में डटे रहे, लेकिन कोई भी नेता उनसे मिलने नहीं पहुंचा, निराश कार्यकर्ताओं ने अंतः अपने इस्तीफे की चिट्ठियां सीधे कार्यालय की दीवार पर चिपका दीं
और भाजपा मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए वहां से चले गए, इस विरोध के पीछे ग्राम आछोटा में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पूर्व सरपंच और उप सरपंच ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया, जिसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जमीन की अवैध बिक्री से लेकर तालाब खनन तक के मामले शामिल हैं, इस मामले पर धमतरी दर्पण न्यूज़ की टीम ने जिलाध्यक्ष प्रकाश बैस से फोन कॉल पर बात करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया, यह स्थिति भाजपा नेतृत्व और आम कार्यकर्ताओं के बीच बढ़ती दूरी को और भी स्पष्ट करती है, कार्यकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने इस मामले में कलेक्टर से लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं तक सभी से शिकायत की, लेकिन हर स्तर पर उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिले, एक कार्यकर्ता ने कहा, हमें लगता है कि पार्टी नेतृत्व भ्रष्टाचारियों के साथ खड़ा है, आम कार्यकर्ताओं के साथ नहीं। अब यह देखना होगा कि भाजपा नेतृत्व इस संकट से कैसे उबरता है और कार्यकर्ताओं की शिकायतों पर क्या कार्रवाई करता है, धमतरी की यह घटना निश्चित रूप से आने वाले दिनों में राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनी रहेगी।
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