दुर्गेश साहू। धमतरी शहर में बिजली की बर्बादी पर नगर निगम की लापरवाही को लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। शहरवासियों का आरोप है कि पिछले कई दिनों से सूरज निकलने के बाद भी सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें जलती रहती हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब शहर में उजाला खुद सूरज दे रहा है, तो फिर बिजली क्यों जल रही है? निगम पर बिजली विभाग का दस करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया पहले से ही सिर पर है, बावजूद इसके दिनदहाड़े जलती लाइटें निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई एक-दो दिन की बात नहीं, बल्कि कई दिनों से लगातार यही स्थिति बनी हुई है। शहर के प्रमुख बाजारों, गलियों और चौक-चौराहों में सुबह 9 से 10 बजे तक भी लाइटें जलती रहती हैं। जब हमने रविवार और सोमवार की सुबह रामबाग से सदर बाजार, मराठपारा, रामपुरवार्ड और आसपास के इलाकों का जायजा लिया गया, तो वहां 30 से अधिक स्ट्रीट लाइटें तेज धूप में जलती हुई मिलीं। लोगों ने बताया कि निगम के कर्मचारी लाइटें बंद करने की जिम्मेदारी निभा ही नहीं रहे है। लोगों का आरोप है कि जब शहर के विकास कार्यों के लिए बजट कम पड़ रहा है, तब इस तरह की बिजली बर्बादी जनता के पैसों से खिलवाड़ है। आखिर ये लापरवाही कब तक चलेगी? जनता का कहना है कि अगर निगम के अफसरों को अपने घर की बिजली का बिल खुद भरना पड़े, तो शायद एक-एक लाइट पर पहरा बैठा दें। मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि नगर निगम पहले से ही बिजली विभाग के भारी-भरकम बकाया के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। लोग पूछ रहे हैं जब बिजली का पैसा देने की हालत नहीं, तो दिन में लाइटें क्यों जला रखी हैं?
इस पूरे मामले में जब नगर निगम उपयुक्त प्रवीण सर्वा से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि कुछ इलाकों में टाइमर में तकनीकी खराबी आने के कारण लाइटें समय पर बंद नहीं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि टीम को मरम्मत का निर्देश दिया गया है और जल्द ही सभी लाइटें तय समय पर चालू-बंद होंगी।

अब देखना यह होगा कि नगर निगम इस लापरवाही को कितनी जल्दी सुधारता है। फिलहाल शहरवासी यही उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द व्यवस्था दुरुस्त हो और उनकी शिकायतों का समाधान हो सके।