दुर्गेश साहू धमतरी। एक साधारण सी बाउंड्रीवाल ने नगर निगम धमतरी की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। दीवार टूटी, मगर इसके साथ सिस्टम की पोल भी खुलने लगी है। अब शहर में चर्चा यही आखिर इतना दुस्साहस किसी कर्मचारी को कौन देता है? मामला एकता नगर निवासी ओमप्रकाश साहू का है, जिन्होंने विधिवत जमीन खरीदकर वहां बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया। लेकिन निगम के कर्मचारी सुनील सोलंके ने न सिर्फ निर्माण रुकवाया, बल्कि मजदूरों से दीवार तुड़वा भी दी। इतना ही नहीं  ओमप्रकाश का आरोप है कि जांच के नाम पर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और 25 हजार रुपए ली गई है। ओमप्रकाश साहू ने बताया कि वे अपनी फरियाद लेकर कई दफ्तरों और जनप्रतिनिधियों के पास गए, पर हर जगह देखेंगे का जवाब मिला लेकिन न्याय नहीं। आखिरकार मामला महापौर रामू रोहरा तक पहुंचा, जिन्होंने संज्ञान लेते हुए कर्मचारी सुनील सोलंके को नोटिस जारी कर जांच के आदेश दे दिए।
महापौर ने साफ कहा नगर निगम में पारदर्शिता से काम होगा, मनमानी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी नियम से बाहर जाकर काम करता है, तो उसे परिणाम भुगतने होंगे। लेकिन अब सवाल बड़ा है आखिर यह हिम्मत आती कहाँ से है? क्या नगर निगम के भीतर कोई ऐसा सिस्टम पल रहा है जो जनता की आवाज़ को कुचल देता है? क्या कोई संरक्षण देने वाला हाथ इन मनमानी के पीछे है? ओमप्रकाश की कहानी शहर के उन सैकड़ों लोगों की भी झलक है, जो रोज़ ऐसे अन्याय से जूझ रहे हैं, लेकिन खामोश हैं। अब वक्त आ गया है कि वे भी आगे आएँ, आवाज़ उठाएँ क्योंकि जब तक जनता नहीं बोलेगी, तब तक ये दीवारें यूँ ही टूटती रहेंगी, और टूटता रहेगा लोगों का भरोसा इस व्यवस्था पर। अब सवाल सिर्फ एक दीवार का नहीं… सवाल उस सिस्टम का है जो जनता की मेहनत और विश्वास पर खड़ा है और अब चरमराने लगा है।

फिलहाल मामला जांच के घेरे में है, कर्मचारी पर लगे आरोपों की पुष्टि जांच के बाद ही होगी… लेकिन बड़ा सवाल यही है  आखिर किसके इशारे पर चल रही है ये मनमानी? इस पूरे मामले से जुड़ी और जानकारी आपको जल्द ही दी जाएगी।