संजय देवांगन

हटकेशर सावन के प्रत्येक सोमवार को हर साल के भाती इस साल भी पार्थिव शिव लिंग का विशेष रूप से पूजा अर्चना महिला समिति द्वारा करवाया गया 

पार्थिव शिवलिंग क्या हैं

पार्थिव शिवलिंग, मिट्टी से बना एक शिवलिंग है जिसकी पूजा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए की जाती है। सावन के महीने में, विशेष रूप से, पार्थिव शिवलिंग की पूजा करना बहुत फलदायी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से धन, धान्य, आरोग्य, और पुत्र प्राप्ति होती है, साथ ही मानसिक और शारीरिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है

पार्थिव शिवलिंग, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, मिट्टी से बना शिवलिंग होता है। इसे बनाने के लिए पवित्र नदी या तालाब की मिट्टी का उपयोग किया जाता है, जिसमें फूल, चंदन, दूध, गाय का गोबर, गुड़, मक्खन, और भस्म मिलाई जाती है। शिवलिंग को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बनाया जाता है 


पार्थिव शिवलिंग की पूजा क्यों करनी चाहिए

नंदिनी गुप्ता , बरखा गुप्ता ,संगीता देवांगन ,तुलसी देवांगन, दुर्गा गुप्ता , बताती हैं

पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने के कई लाभ बताए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:

मनोकामनाओं की पूर्ति:

ऐसी मान्यता है कि पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, 

सुख-समृद्धि:

यह पूजा धन, धान्य, और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली मानी जाती है। 

आरोग्य

देवश्री देवांगन ,गिरजा देवांगन, नीरा मंडावी, तामेश्वरी देवांगन,गूंजा देवांगन, रेवती देवांगन ,रोशनी देवांगन,अन्नपूर्णा देवांगन,दुर्गा देवांगन दिव्या निषाद,लक्ष्मी देवांगन, मोना ध्रुव, बताती हैं 

पार्थिव शिवलिंग की पूजा से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। 

पुत्र प्राप्ति:

संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्तियों के लिए भी यह पूजा फलदायी मानी जाती है। 

पापों से मुक्ति:

कुछ मान्यताओं के अनुसार, पार्थिव शिवलिंग की पूजा से पिछले जन्मों के पापों से भी मुक्ति मिलती है। 

सफलता

परर्थिव शिवलिंग की पूजा से जीवन में सफलता प्राप्त होती है। 

अकाल मृत्यु से बचाव:

यह पूजा अकाल मृत्यु के भय को भी दूर करती है। पार्थिव शिवलिंग की पूजा कैसे करें?पार्थिव शिवलिंग की पूजा विधि में, सबसे पहले मिट्टी से शिवलिंग बनाया जाता है, फिर गणेश जी, विष्णु भगवान, नवग्रह, और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इसके बाद, विधिवत तरीके से षोडशोपचार किया जाता है, और फिर पार्थिव शिवलिंग को परम ब्रह्म मानकर पूजा और ध्यान किया जाता है। पूजा के बाद, शिवलिंग को जल में विसर्जित कर दिया जाता है 


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