धमतरी। 26 जून को हरफतराई स्थित दिनेश राइस मिल में हुई हृदय विदारक घटना ने एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लगभग 25 फीट ऊंचाई से धान के बोरों के गिर जाने से गंभीर रूप से घायल हुए मजदूर रामेश्वर यादव ने आज, 27 जुलाई को दम तोड़ दिया। इस हादसे में रामेश्वर यादव सहित कुल पांच मजदूर घायल हुए थे, जिनमें से तीन को रायपुर रेफर किया गया था। यह मौत सिर्फ एक श्रमिक की नहीं, बल्कि एक परिवार के बिखरते सपनों की दर्दनाक दास्तान है। इस घटना ने पूरे जिले में मजदूरों की सुरक्षा और जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका पर गहन चिंतन को मजबूर कर दिया है।

मिल मालिक पर सवालों की बौछार दिनेश राइस मिल के मालिक पर कई गंभीर सवाल उठते हैं, जिनका जवाब मिलना बेहद ज़रूरी है

 🛑 सुरक्षा मानकों से खिलवाड़ क्यों? क्या मिल मालिक को इस बात की जानकारी नहीं थी कि 25 फीट ऊंचाई तक धान के बोरों को बिना किसी उचित सपोर्ट या सुरक्षा उपकरण के रखना कितना खतरनाक हो सकता है?
 🛑 मजदूरों की जान इतनी सस्ती क्यों? मिल में काम कर रहे मजदूरों को न तो सेफ्टी बेल्ट दी गई थी, न हेलमेट। क्या मिल मालिक के लिए मजदूरों की सुरक्षा से ज़्यादा मुनाफा महत्वपूर्ण था?
 🛑 लापरवाही की हद क्या है? यह जानते हुए भी कि इस तरह के काम में जान का जोखिम है, मिल मालिक ने सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतज़ाम क्यों नहीं किए? क्या उन्हें इस तरह के हादसों की कोई परवाह नहीं?
 🛑 अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं? एफआईआर दर्ज होने और धारा 106 (उपेक्षापूर्ण कार्य से मृत्यु) जुड़ने के बावजूद मिल मालिक की गिरफ्तारी में इतनी देरी क्यों हो रही है? क्या किसी को बचाने की कोशिश हो रही है?
 🛑 मुआवजे की जिम्मेदारी किसकी? मृतक के परिवार के प्रति मिल मालिक की क्या नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी बनती है? NSUI के जिलाध्यक्ष द्वारा 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग पर उनका क्या रुख है?

जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही पर भी उठे सवाल यह घटना केवल मिल मालिक की लापरवाही का नतीजा नहीं है, बल्कि संबंधित विभागीय अधिकारियों की ढुलमुल कार्यप्रणाली को भी उजागर करती है।

 🛑 निरीक्षण और जांच क्यों नहीं? धमतरी जिले में ऐसे अनगिनत राइस मिल हैं। संबंधित विभाग के अधिकारी इन मिलों में सुरक्षा मानकों की नियमित जांच क्यों नहीं करते? क्या वे अपनी जिम्मेदारी से पूरी तरह विमुख हैं?
 🛑 दुर्घटना का इंतज़ार क्यों? क्या अधिकारी तब तक किसी मिल की जांच नहीं करेंगे, जब तक कोई बड़ा हादसा न हो जाए और किसी निर्दोष की जान न चली जाए?
 🛑 कार्रवाई में विलंब क्यों? जब एक मजदूर की जान चली गई, तब भी अधिकारियों की तरफ से तुरंत और कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या किसी पर कोई दबाव है?
 🛑 लाइसेंस रद्द क्यों नहीं? इस तरह की गंभीर लापरवाही के बाद क्या दिनेश राइस मिल का लाइसेंस रद्द करने पर विचार नहीं किया जाना चाहिए ताकि अन्य मिल मालिकों को भी सबक मिले?
 🛑 भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या? प्रशासन और संबंधित विभाग ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाएंगे? क्या कोई विशेष अभियान चलाकर सभी राइस मिलों की गहन जांच की जाएगी? 

रामेश्वर यादव की मौत सिर्फ एक हादसा नहीं है, यह एक चेतावनी है। यह साफ संदेश है कि अब लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है कि भविष्य में किसी भी निर्दोष श्रमिक को अपनी जान गँवानी न पड़े। NSUI जैसी संस्थाओं की मांगें वाजिब हैं और उन पर तुरंत ध्यान दिया जाना चाहिए।
क्या प्रशासन इस दर्दनाक घटना से सबक लेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि रामेश्वर यादव की मौत व्यर्थ न जाए? क्या धमतरी जिले के सभी राइस मिलों में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन होगा और लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी? इन सवालों का जवाब ही तय करेगा कि हमारे समाज में मजदूरों की जान की कितनी कीमत है।