धमतरी/गरियाबंद। राखी सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि प्रेम, सुरक्षा और भरोसे का प्रतीक होती है। इस बार रक्षाबंधन का त्योहार नक्सल प्रभावित बिंद्रानवागढ़ के जंगलों में तैनात जवानों के लिए कुछ खास बन गया, जब धमतरी जिला साहू संघ की बहनों ने उन्हें अपने स्नेह का रक्षासूत्र बांधा। साहू समाज की टीम जब C65 सीआरपीएफ कैंप पहुंची, तो माहौल में मानो एक नई ऊर्जा दौड़ गई। भाई-बहन के पारंपरिक गीतों के बीच जब जवानों की कलाइयों पर राखियां सजीं, तो पल भर को हर चेहरा घर की यादों में खो गया।
भावनाओं से भरे हुए शब्दों में मेजर दिनकर प्रसाद चतुर्वेदी ने कहा हम नक्सल मोर्चे पर तैनात रहकर घर-परिवार से दूर रहते हैं। लेकिन जब साहू समाज की बहनें हमारे पास आईं और राखी बांधी, तो लगा जैसे अपनी ही सगी बहनें साथ हैं। और जब अरसा, खुरमी, ठेठरी जैसे घर के पकवान खाए, तो दिल भर आया।
SI गुनेश्वरी नरेटी भी भावुक हो उठीं। उन्होंने कहा
आज जो अपनापन और स्नेह मिला, वो महीनों बाद दिल को छू गया। साहू समाज की बहनों ने कैंप में ऐसा माहौल बना दिया, जिसमें उत्साह और उमंग की लहर दौड़ गई।
साहू समाज के जिलाध्यक्ष अवनेंद्र साहू ने कहा प्रदेश में साहू समाज की सामाजिक भूमिका सिर्फ परंपरा तक सीमित नहीं, जिम्मेदारी भी है। हमने यही प्रयास किया कि रक्षाबंधन पर हमारे जवान भाई अकेले महसूस न करें। यह समाजिक कर्तव्य और आत्मीयता का एक छोटा सा प्रतीक है।
जिला उपाध्यक्ष केकती साहू ने इस पहल को प्रेरणादायक बताया बोले देश सेवा में तैनात जवान जब अपनों से दूर रहते हैं, तब ऐसे मौके उन्हें मानसिक मजबूती और सुकून देते हैं। हमने सिर्फ राखी नहीं बांधी, बल्कि उनके साथ एक परिवार जैसा रिश्ता साझा किया।
इस रक्षाबंधन समारोह में कैंप के कई अधिकारी-कर्मचारी और साहू समाज के सदस्य शामिल रहे। मुख्य रूप से निरीक्षक शंकर सिंह, निरीक्षक दलजीत सिंह, इंद्रलाल कचेर, एमडीएम रहमान, शुभम कुमार, नवघणे विठ्ठल, और रामकुमार कुशवाहा सहित अन्य जवान मौजूद थे। वहीं समाज की ओर से केकती साहू, चंद्रकला साहू, सुशीला साहू, देहुती साहू, मंजूषा साहू, विजय लक्ष्मी साहू, यशोदा साहू, और मीडिया प्रभारी उपेंद्र साहू जैसे सक्रिय सदस्य उपस्थित रहे।
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