दुर्गेश साहू। धमतरी नगर निगम में डीज़ल चोरी का मामला अब कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का बड़ा मुद्दा बन चुका है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से पल्सर बाइक में भी 30 से 50 लीटर तक डीज़ल डलवाया गया। प्रदर्शनकारियों ने बाकायदा पल्सर बाइक को ट्रैक्टर-ट्रॉली पर रखकर मकई चौक से सदर बाजार होते हुए नगर निगम पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाज़ी की। वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के ही कार्यकाल में हमने लगभग 27 से 28 लाख रुपये की डीज़ल पेट्रोल की चोरी पकड़ी थी।
यानी मामला सिर्फ आरोपों का नहीं, बल्कि दोनों पार्टियां एक-दूसरे का चालान काटने में जुटी हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आख़िर डीज़ल चोरी रुकी क्यों नहीं? कांग्रेसियों के प्रदर्शन के बाद नगर निगम आयुक्त प्रिया गोयल ने 15 दिनों के भीतर कार्रवाई का आश्वासन तो दिया है। लेकिन कार्रवाई किस पर होगी? क्या सिर्फ़ पल्सर वाले मामले में ही कार्रवाई होगी… या फिर कांग्रेस कार्यकाल में जो 27 से 28 लाख की डीज़ल पेट्रोल चोरी पर भी जिम्मेदारी तय होगी?
भाजपा ने आरोप लगाया है, तो उसे साबित भी करना होगा। और अगर यह सच है, तो उन चोरों पर भी कार्रवाई जरूरी है। वरना यह साफ़ हो जाएगा कि मामला सिर्फ़ राजनीतिक ड्रामा था, चोरी रोकने की मंशा किसी की भी नहीं थी।
सूत्रों की माने तो चोरी अब भी जारी है… और चोरों को किसी से डर भी नहीं है। इधर कांग्रेस और भाजपा आपस में लड़ रहे हैं और चोर चोरी में मस्त हैं। यानी सवाल वही है क्या वाकई चोरों को किसी का डर नहीं है? या फिर नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत का खेल चल रहा है, जिसमें ऊपर तक आधा-आधा हिस्सा पहुंच रहा है? आख़िरकार जनता के टैक्स का पैसा खुलेआम लूटा जा रहा है… और जनता देख रही है, सिर्फ़ आरोप-प्रत्यारोप का तमाशा।
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