दुर्गेश साहू धमतरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी स्वच्छता अभियान के तहत 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक पूरे देशभर में सेवा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को स्वच्छता, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित करना है। लेकिन धमतरी जिले के सबसे प्रमुख दफ्तर कलेक्टर, एसपी और जिला पंचायत ऑफिस के सामने स्थापित प्रतिमाएं इस अभियान पर सवाल खड़े कर रही हैं। यहां महात्मा गांधी और अन्य शहीदों की प्रतिमाएं लगाई गई हैं ताकि लोग स्वतंत्रता संग्राम और सेवा की प्रेरणा ले सकें। मगर हकीकत यह है कि इन प्रतिमाओं के चारों ओर खरपतवार और झाड़ियां इतनी फैल चुकी हैं कि उनकी पहचान तक ढक गई है। यह दृश्य प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है। ये वही रास्ता है जहां से कलेक्टर से लेकर जिले के अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधियों का लगातार आना-जाना लगा रहता है।
खास बात यह है कि 2 अक्टूबर, गांधी जयंती नजदीक है, जिस दिन देशभर में गांधी जी को श्रद्धांजलि दी जाएगी और स्वच्छता का संदेश दिया जाएगा। लेकिन गांधी जी की प्रतिमा के ठीक पास खरपतवार और गंदगी का यह आलम देखकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या सेवा पखवाड़ा सिर्फ कागजी दावों और प्रेस विज्ञप्तियों तक ही सीमित है?
शहर के अन्य चौक-चौराहों पर स्थापित शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं की भी यही स्थिति है। रत्नाबांधा स्थित स्वामी विवेकानंद, सामुदायिक भवन के पास शहीद वीर नारायण सिंह सहित कई स्थानों पर गंदगी और खरपतवार फैले हुए हैं। यहां तक कि शराब की बोतलें तक पड़ी मिलीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन स्थलों पर विशेष अवसरों पर ही दिखावटी साफ-सफाई होती है, लेकिन नियमित देखरेख पूरी तरह गायब है। अब सवाल उठता है कि जब सेवा पखवाड़ा का उद्देश्य ही स्वच्छता और जागरूकता फैलाना है, तो शहीदों और गांधी जी की प्रतिमाओं की यह उपेक्षा क्यों? और क्या 2 अक्टूबर से पहले इन स्थलों की तस्वीर बदलेगी?