दुर्गेश साहू धमतरी। कोतवाली थाना और यातायात दफ्तर शहर के उन संवेदनशील स्थानों में गिने जाते हैं, जहां से रोजाना बदमाशों पर नकेल कसने और नियम विरुद्ध चलने वाले वाहनों पर कार्रवाई की जाती है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इन्हीं दफ्तरों के सामने लापरवाही का बड़ा उदाहरण सामने आ गया। मंगलवार को गांधी मैदान में पुलिस विभाग ने जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें साइबर क्राइम से बचाव, नशामुक्ति और यातायात नियमों की जानकारी दी गई। साथ ही गुम मोबाइल भी उनके मालिकों को लौटाए गए। इस कार्यक्रम में जिले के एसपी सूरज सिंह परिहार भी मौजूद थे। कार्यक्रम शुरू होने से पहले मैदान में खड़ी गाड़ियों को हटाने की कवायद हुई। इसी दौरान पुलिस की नजर एक कार पर पड़ी, जो कई दिनों से कोतवाली और यातायात दफ्तर के ठीक सामने खड़ी थी। काफी तलाश के बाद भी मालिक का पता नहीं चलने पर पुलिस ने उसके पहियों पर लॉक लगाकर कब्जा कर लिया। इस घटना ने पुलिस की सतर्कता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि जब थाने और यातायात दफ्तर के सामने इस तरह की गाड़ियां लंबे समय तक खड़ी रह सकती हैं और पुलिस को भनक तक नहीं लगती, तो शहर के अन्य हिस्सों में हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। अक्सर गांधी मैदान को पार्किंग स्थल की तरह इस्तेमाल किया जाता है और वहां खड़ी कई गाड़ियों के मालिकों की जानकारी तक पुलिस के पास नहीं रहती। इस मामले पर ट्रैफिक प्रभारी मोनिका मरावी ने बताया कि सीजी 05 ए एस 9834 नंबर की गाड़ी को ट्रैफिक पुलिस द्वारा लॉक किया गया था, क्योंकि वह सार्वजनिक परिसर में बिना मालिक के खड़ी थी। वाहन का पता लगाया गया है और उसके मालिक को बुलाया गया है। गाड़ी मालिक के खिलाफ चलानी कार्रवाई की जाएगी। यह घटना पुलिस की सतर्कता पर सवाल उठाती है, क्योंकि यह वाहन अत्यधिक संवेदनशील स्थान कोतवाली और यातायात दफ्तर के सामने खड़ा था। लोग अक्सर गांधी मैदान को पार्किंग की तरह इस्तेमाल करते हैं, जिससे ऐसे मामलों में पुलिस की जवाबदेही पर चर्चा हो रही है।