दुर्गेश साहू धमतरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरे देश में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस दौरान धमतरी में स्वच्छता और जन-जागरूकता को लेकर कई गतिविधियाँ चल रही हैं, लेकिन शहर के चौक-चौराहों और कलेक्टर ऑफिस के सामने फैली गंदगी और खरपतवार ने अभियान पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रतिमाओं और सार्वजनिक स्थलों की सफाई सिर्फ विशेष अवसरों पर होती है। बाकी समय ये स्थल उपेक्षा का शिकार रहते हैं। गांधी जयंती नजदीक होने के बावजूद महापुरुषों की प्रतिमाएं खरपतवार और कचरे में घिरी हुई नजर आईं। लोग पूछ रहे हैं, क्या सेवा पखवाड़ा सिर्फ पोस्टर और प्रेस रिलीज तक ही सीमित रह जाएगा? इस पर जब धमतरी कलेक्टर अविनाश मिश्रा से सवाल किया गया, तो उन्होंने साफ कहा कि यह अभियान दिखावे का नहीं होगा। उन्होंने बताया कि स्वच्छता सतत प्रक्रिया है और इसके लिए निगम, पंचायत और सभी संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय होगी। कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन जल्द ही सर्कुलर जारी करेगा, जिसमें साफ-सफाई में लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र की जिम्मेदारी पंचायत की होगी और शहरी क्षेत्र की जिम्मेदारी निगम की। महापुरुषों की प्रतिमाओं और सार्वजनिक स्थलों की नियमित सफाई अनिवार्य की जाएगी।
हालांकि, अब सवाल यही बचता है कि क्या जिम्मेदार सच में जागेंगे या यह भी सेवा पखवाड़ा सिर्फ कागजों और प्रेस विज्ञप्तियों तक सीमित रह जाएगा? शहर के चौक-चौराहों की हालत देखकर लोग कह रहे हैं जिम्मेदारी पर कार्रवाई तो दूर, अब तक तो दिखावा भी अधूरा है।