धमतरी जिले की चर्चित वर्ष 2007 शिक्षाकर्मी वर्ग-03 भर्ती घोटाले की फाइल से धूल हटाते हुए पुलिस ने आखिरकार तीन आरोपियों को दबोच लिया है। मगरलोड थाना क्षेत्र की इस भर्ती प्रक्रिया में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र और अंकों में हेरफेर कर जुगाड़ से चयन कराने का खेल खेला गया था। इस खेल का खामियाजा कई असली और पात्र उम्मीदवारों को भुगतना पड़ा, खासकर अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों को। पुलिस की जांच में पुख्ता सबूत मिलने के बाद मंगलवार को धमतरी पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

गिरफ्तार आरोपियों के नाम ईशु कुमार, निवासी कमरौद, सिता राम, निवासी मेघा, कोमल सिंह, निवासी मोंहदी सभी धमतरी जिले के रहने वाले है इन पर धारा 420, 467, 468, 471, 120-बी भादवि तथा एससी/एसटी एक्ट की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपियों ने उस समय फर्जी दस्तावेजों के जरिए न केवल अपात्र उम्मीदवारों को भर्ती कराया, बल्कि कई पात्र अभ्यर्थियों को जानबूझकर बाहर कर दिया। अब देखना होगा कि 18 साल पुराने इस भर्ती घोटाले का असली मास्टरमाइंड कौन है और क्या पुलिस की गिरफ्त तक पहुंच पाएगा।