अब कुछ नया सुनिए... मिठाई वाला मामला तो चटपटा स्वाद बन चुका है। सूत्रों की मानें तो हाल ही में लगभग 8 लाख रुपए की मिठाई किसी को खिलाई गई। सवाल ये उठ रहा है कि क्या ये मिठाई जनता की भलाई के लिए थी या किसी कड़वे सच को मीठे में दबाने के लिए? जनता पूछ रही है कि आठ लाख की मिठाई किसको खिलाई गई, आखिर क्यों खिलाई गई? मीठे में छुपा सच था या कड़वे खेल की कमाई? अब जनता के बीच खुलकर बातें हो रही हैं कि अगर आज मिठाई में पैसा घुल रहा है तो कल कौन-सा नया तमाशा देखने को मिलेगा। कहीं रजिस्टरों में हेराफेरी, कहीं बिलों में गड़बड़ी, कहीं अफसरों की चुप्पी… और सबसे बड़ा सवाल क्या जिम्मेदारी तय होगी या सबकुछ फाइलों के ढेर में दबा दिया जाएगा? ये तो बस शुरुआत है, असली कहानी अभी बाकी है। धमतरी दर्पण न्यूज़ जल्द अगले अध्याय में खुलासा करेगा कि कौन है वो अफसर, कौन है वो कर्मचारी, किस पद पर बैठे हैं और कहाँ-कहाँ से खेल रचा जा रहा है। तब मिठाई नहीं बंटेगी, बल्कि कड़वी सच्चाई सामने आएगी।
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