दुर्गेश साहू। धमतरी जिले के कुरूद विकासखंड के नारी गांव से एक चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। यहां छोटे-छोटे बच्चे खुलेआम जुआ खेलते नजर आ रहे हैं। गांव के बीच चौक में बच्चे खुड़-खुड़िया नामक खेल खेल रहे हैं, जिसमें पैसों का लेन-देन भी देखा गया। इन बच्चों की उम्र करीब 8 से 15 साल के बीच बताई जा रही है। वहीं, कुछ दूरी पर बड़े लोग भी ताश-पत्ती में व्यस्त दिखे। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह गांव अब जुए का अड्डा बनता जा रहा है? स्थानीय लोग नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि, यह दृश्य रोज का है। गांव में बच्चों को खुलेआम रुपये लगाते देखना आम बात हो गई है। जब मासूम उम्र में ही बच्चे इस तरह के पैसों के खेल में पड़ जाएंगे, तो आने वाले समय में उनका भविष्य किस दिशा में जाएगा, यह गंभीर चिंता का विषय है। सूत्र बताते हैं कि नारी गांव में सिर्फ जुआ ही नहीं, बल्कि अवैध शराब और गांजा का कारोबार भी लंबे समय से चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस को इसकी जानकारी है, लेकिन कार्रवाई सिर्फ दिखावे तक सीमित रहती है। पुलिस आती जरूर है, लेकिन जाते ही सब कुछ पहले जैसा हो जाता है। लोग मानते हैं कि यह सब किसी न किसी के संरक्षण में चल रहा है, नहीं तो इतने लंबे समय तक खुलेआम ऐसी गतिविधियां संभव नहीं होतीं।
जहां एक ओर धमतरी पुलिस नशे और जुए पर रोक लगाने के लिए अभियान चलाने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर इसी जिले के गांवों में ऐसे दृश्य उसकी कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हैं। दिवाली जैसे पवित्र त्योहार के मौके पर लोग जहां एक-दूसरे को शुभकामनाएं देने और मिलजुलकर खुशियां मनाने में समय बिताते हैं, वहीं कुछ जगहों पर जुए को त्योहार की परंपरा बताकर उसे नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। अगर हमें लगता है कि यह सिर्फ खेल है और त्यौहार का हिस्सा है, तो यह सोच बदलने की जरूरत है। क्योंकि यही खेल धीरे-धीरे नशे और अपराध की ओर ले जा रहा है और इसका असर अब मासूम बच्चों तक पहुंचने लगा है। अगर प्रशासन ने अब भी इस पर सख्त कदम नहीं उठाया, तो आने वाले कल में यही बच्चे नशे और जुए की दुनिया में फंस सकते हैं। जरूरत है कि पुलिस इस बार अभियान नहीं, बल्कि विश्वास दिखाए। गांव में जागरूकता और सुधार दोनों की जरूरत है ताकि अगली पीढ़ी त्योहार को खेल नहीं, संस्कार के रूप में देख सके।
जल्द ही धमतरी दर्पण न्यूज़ आपके सामने एक ऐसे सरपंच का सच उजागर करेगा, जो गांव में अवैध कारोबार बंद करने के नाम पर चुनाव जीता था… लेकिन जीत के बाद उन्हीं के संरक्षण में अब वही कारोबार फल-फूल रहा है।


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