संजय देवांगन धमतरी/ सेमरा गांव में एक हफ्ता पहले दिवाली मनाने की परंपरा सदियों पुरानी है और यह ग्राम देवता सिरदार देव के आदेश पर आधारित है मान्यता है कि सिरदार देव ने पुजारी के सपने में आकर गांव की सुख-शांति और सुरक्षा के लिए त्योहारों को तय तिथि से एक सप्ताह पहले मनाने को कहा था तब से, गांव वाले दीपावली, होली, पोला और हरेली जैसे त्योहार एक सप्ताह पहले ही मनाते हैं, क्योंकि वे इस परंपरा का पालन न करने पर किसी अनहोनी की आशंका मानते हैं ग्राम देवता का आदेश: किवदंती के अनुसार, ग्राम देवता सिरदार देव ने एक बार गांव के पुजारी को सपने में दर्शन देकर कहा था कि गांव की खुशहाली और सुख-शांति के लिए सभी प्रमुख त्योहारों को एक सप्ताह पहले मनाया जाए परंपरा की शुरुआत: इसके बाद से, गांव में हर त्योहार जैसे दीपावली, होली, पोला और हरेली निर्धारित तिथि से एक सप्ताह पहले ही मनाए जाते हैं अंधविश्वास या आस्था: गांव वाले इसे अंधविश्वास के बजाय सिरदार देव के प्रति अपनी गहरी आस्था मानते हैं अनहोनी का डर कुछ ग्रामीणों का मानना है कि यदि इस परंपरा को तोड़ा गया, तो गांव में कोई अनहोनी घटना घट सकती है। इसी कारण किसी ने इस परंपरा को तोड़ने की कोशिश नहीं की है। मंदिर और पूजा: सिरदार देव का एक मंदिर भी है, जहाँ पुरुष वर्ग ही पूजा-अर्चना करते हैं और हर त्योहार से पहले सबसे पहले उनकी पूजा की जाती है।

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